बिलीरुबिन क्या है बिलीरुबिन बढ़ने के कारण , लक्षण और उपाय  

बिलीरुबिन क्या है – बिलीरुबिन शरीर में पाई जाने वाली एक पिगमेंट (रंजक) है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनती है। यह पीलिया (जॉन्डिस) और लिवर संबंधी बीमारियों से जुड़ा हुआ है। जब शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, तो त्वचा और आंखों में पीला रंग दिखाई देने लगता है।

यदि बिलीरुबिन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बिलीरुबिन क्या होता है, इसका कार्य क्या है, यह क्यों बढ़ता है, इसके लक्षण क्या हैं और इसे प्राकृतिक व चिकित्सीय उपायों से कैसे ठीक किया जा सकता है।


बिलीरुबिन क्या है? 

बिलीरुबिन क्या है? 

बिलीरुबिन क्या है – बिलीरुबिन एक पीले-नारंगी रंग का पदार्थ है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। यह शरीर के अपशिष्ट पदार्थों में से एक है, जिसे लिवर द्वारा संसाधित किया जाता है और पित्त (Bile) के रूप में आंतों के माध्यम से शरीर से बाहर निकाला जाता है।

बिलीरुबिन दो प्रकार का होता है:

  1. अप्रत्यक्ष (Unconjugated) बिलीरुबिन – यह वसा में घुलनशील होता है और लिवर में जाने से पहले रक्त में उपस्थित रहता है।
  2. प्रत्यक्ष (Conjugated) बिलीरुबिन – यह पानी में घुलनशील होता है और लिवर इसे पित्त में परिवर्तित करके शरीर से बाहर निकालता है।

बिलीरुबिन का स्तर क्यों बढ़ता है? बिलीरुबिन बढ़ने के कारण

यदि लिवर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है या शरीर में रक्त कोशिकाएं तेजी से टूट रही हैं, तो बिलीरुबिन का स्तर बढ़ सकता है। बिलीरुबिन बढ़ने के कारण:

  1. लीवर की समस्या – हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस, और लिवर इंफेक्शन के कारण बिलीरुबिन का स्तर बढ़ सकता है।
  2. पित्ताशय की समस्याएं – पित्ताशय में पथरी होने से बिलीरुबिन का निष्कासन प्रभावित हो सकता है।
  3. अधिक रक्त कोशिकाओं का टूटना – एनीमिया, थैलेसीमिया, या सिकल सेल एनीमिया जैसी स्थितियों में लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूटती हैं, जिससे बिलीरुबिन बढ़ जाता है।
  4. नवजात शिशुओं में पीलिया – नवजातों में लिवर पूरी तरह विकसित न होने के कारण भी बिलीरुबिन का स्तर बढ़ सकता है।
  5. गर्भावस्था में पीलिया – कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान भी यह समस्या हो सकती है।

बिलीरुबिन बढ़ने के लक्षण

बिलीरुबिन बढ़ने के लक्षण जिनमें शामिल हैं:

  • त्वचा और आंखों में पीलापन
  • पेशाब का रंग गहरा होना
  • अत्यधिक थकान और कमजोरी
  • मतली और उल्टी
  • भूख न लगना
  • पेट में दर्द या सूजन
  • खुजली और जलन

यदि इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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बिलीरुबिन को कम करने के उपाय 

अगर आपका बिलीरुबिन हल्का बढ़ा हुआ है, तो कुछ प्राकृतिक उपाय इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:

1. लिवर को डिटॉक्स करें

  • हल्दी वाला दूध या गुनगुने पानी के साथ हल्दी का सेवन करें।
  • नींबू पानी या एलोवेरा जूस पीने से भी लिवर साफ होता है।

2. हाइड्रेशन बढ़ाएं

  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं (8-10 गिलास)।
  • नारियल पानी, छाछ, और हर्बल टी पिएं।

3. संतुलित आहार लें

  • ताजे फल और सब्जियां खाएं, जैसे पपीता, गाजर, चुकंदर, और सेब।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक और मेथी, लिवर के लिए फायदेमंद होती हैं।
  • मसालेदार और तली-भुनी चीजें कम खाएं।

4. व्यायाम और योग करें

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें या हल्का व्यायाम करें।
  • योगासन जैसे भुजंगासन, कपालभाति, और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।

5. शराब और धूम्रपान से बचें

  • शराब और धूम्रपान लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे बिलीरुबिन बढ़ सकता है।

चिकित्सीय उपचार

यदि बिलीरुबिन का स्तर बहुत अधिक है, तो डॉक्टर निम्नलिखित इलाज कर सकते हैं:

  1. मेडिकल टेस्ट – ब्लड टेस्ट से बिलीरुबिन की मात्रा की जांच की जाती है।
  2. हेपेटाइटिस का इलाज – यदि संक्रमण के कारण बिलीरुबिन बढ़ा है, तो डॉक्टर उचित दवाइयां देंगे।
  3. फोटोथैरेपी (Phototherapy) – नवजात शिशुओं के पीलिया के इलाज में यह तकनीक उपयोगी होती है।

बिलीरुबिन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: बिलीरुबिन का सामान्य स्तर कितना होता है?
उत्तर: वयस्कों में कुल बिलीरुबिन का सामान्य स्तर 0.1 से 1.2 mg/dL होता है।

Q2: क्या बढ़ा हुआ बिलीरुबिन हमेशा गंभीर होता है?
उत्तर: नहीं, हल्का बढ़ा हुआ बिलीरुबिन सही आहार और जीवनशैली से सामान्य किया जा सकता है, लेकिन अत्यधिक बढ़ा हुआ स्तर गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।

Q3: बिलीरुबिन को कितने समय में कम किया जा सकता है?
उत्तर: यदि सही आहार और दवा ली जाए, तो 1-2 सप्ताह में सुधार हो सकता है।

Q4: क्या दूध पीने से बिलीरुबिन कम होता है?
उत्तर: हाँ, हल्दी वाला दूध और कम वसा वाला दूध लिवर के लिए फायदेमंद होता है।

Q5: नवजात शिशुओं में पीलिया क्यों होता है?
उत्तर: नवजात शिशुओं का लिवर पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे बिलीरुबिन का स्तर बढ़ सकता है। इसे फोटोथैरेपी द्वारा ठीक किया जाता है।


निष्कर्ष

बिलीरुबिन शरीर का एक महत्वपूर्ण तत्व है, लेकिन इसका अधिक बढ़ना लिवर की समस्या का संकेत हो सकता है। सही आहार, हाइड्रेशन, और स्वस्थ जीवनशैली से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि बिलीरुबिन बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

अगर आप अपने लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो प्राकृतिक उपायों के साथ-साथ नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराना न भूलें।

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