रनिंग और साइक्लिंग दोनों ही कार्डियो वर्कआउट हैं, लेकिन उनकी प्रकृति और फायदे अलग-अलग होते हैं।
रनिंग में ज्यादा कैलोरी बर्न होती है, लेकिन साइक्लिंग भी अच्छे परिणाम देती है,लंबी दूरी पर।
कैलोरी बर्न
साइक्लिंग, रनिंग की तुलना में जोड़ों पर कम दबाव डालती है, जिससे चोट लगने का खतरा कम होता है।
जोड़ों पर प्रभाव
दोनों वर्कआउट दिल की सेहत को सुधारने में मदद करते हैं, लेकिन रनिंग में ज्यादा होती है।
दिल की सेहत
रनिंग में ज्यादा कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन घटाने में अच्छी मदद होती है।
वजन घटना
साइक्लिंग से टांगों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है, जबकि रनिंग पूरे शरीर को फिट रखता है।
मसल स्ट्रेंथ
रनिंग हड्डियों को मजबूत बनाती है क्योंकि यह एक वजन वहन करने वाली गतिविधि है।
स्वस्थ हड्डियां
दोनों वर्कआउट मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन रनिंग ज्यादा प्रभावी हो सकती है।
स्ट्रेस रिलीफ
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दोनों वर्कआउट श्वसन क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं, लेकिन रनिंग में ज्यादा प्रभाव दिखता है।
इम्प्रूव ब्रीथिंग
साइक्लिंग से घुटनों और पैरों में कम दबाव पड़ता है, जबकि रनिंग घुटनों पर ज्यादा प्रभाव डालती है।
आर्थोपेडिक लाभ
दोनों ही वर्कआउट फिटनेस के स्मार्ट विकल्प हैं, लेकिन आपके शरीर की आवश्यकताओं के आधार पर एक का चयन करें।
स्मार्ट वर्कआउट